Wednesday, 4 March 2015

भूमि अधिग्रहण के प्रश्न पर मजदूरों-किसानों के नाम अपील


मजदूर और किसान साथियों,

बड़े पूंजीपतियों के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने, गरीबों, मेहनतकशों के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए, भूमि-अधिग्रहण कानून में ऐसे बदलावों की योजना बनाई है, जिससे किसानों की जमीनों को जबरन जब्त करना बहुत आसान हो जायगा. इससे पहले कांग्रेस और सपा, राजद, जदयू, जैसी तमाम पूंजीवादी पार्टियां भी यही सब करती रही हैं. पश्चिम बंगाल में स्तालिनवादियों ने भी सिंगूर और नंदीग्राम में इसी तरह निहत्थे किसानों पर दमनचक्र चलाया था.

मेहनतकश साथियो, हरे, नीले, भगवा, लाल झंडों और झूठे नारों के पीछे छिपी ये पार्टियां, नेता और सरकारें, पूंजीपतियों के हित में काम करती हैं, और गरीब, मेहनतकश जनता को रौंदती हैं. सत्ता इनके हाथ में रहते, ये गरीब जनता का सब कुछ हड़पकर अमीरों और सेठों की तिजोरी में बंद कर देना चाहती हैं.

जब तक सत्ता पूंजी-परस्त नेताओं और पार्टियों के हाथ में रहेगी, वे इसी तरह गरीब जनता को हड़पते, कुचलते रहेंगे. पुलिस, फ़ौज, कानून, अदालतों की ताकत से लैस इन पूंजीपतियों का निहत्थे मज़दूर-किसान मुकाबला नहीं कर सकते.

इसलिए सबसे पहले पूंजीपतियों, इनके नेताओं और पार्टियों के कब्जे से सत्ता को छुड़ाना होगा. पूंजीपतियों की सरकार की जगह, ‘मजदूर-किसान सरकार’ बनानी होगी. यह सरकार, गरीबों-मेहनतकशों को लूटने वाले पूंजीपतियों का सब कुछ जब्त कर लेगी.

जबकि पूंजीपतियों की सरकारें आपकी ज़मीनें हड़पने पर आमादा हैं, वर्कर्स सोशलिस्ट पार्टी ने, अपने कार्यक्रम में ‘मजदूर-किसान सरकार’ बनाने और बड़े पूंजीपतियों की संपत्ति और कारखानों की जब्ती का ऐलान किया है.

मेहनतकश साथियों, हम आपसे अपील करते हैं कि ‘मजदूर-किसान सरकार’ के निर्माण के लिए संघर्ष में ‘वर्कर्स सोशलिस्ट पार्टी’ का साथ दें और पूंजीपतियों की लुटेरी पार्टियों, नेताओं और सरकारों के विरुद्ध उठ खड़े हों.

वर्कर्स सोशलिस्ट पार्टी, मुआवजों की मौजूदा नीति का भी विरोध करती है. यह नीति बड़े ज़मींदारों के हित में बनाई गई है, जो गरीब किसानों, मेहनतकशों और मजदूरों के हितों को अनदेखा करती है. वर्कर्स सोशलिस्ट पार्टी मांग करती है कि:

(१)      ज़मीनों का मुआवजा उनके आकार नहीं बल्कि उन पर निर्भर परिवार की सदस्य-संख्या से तय किया जाय.
(२)      ज़मीन पर निर्भर मजदूरों और ग्रामीण कारीगरों के लिए अलग से विस्थापन मुआवज़े की व्यवस्था की जाय.
(३)   मुआवजे में परिवार के पुरुष और स्त्री दोनों को अलग-अलग हिस्से की व्यवस्था की जाय.


वर्कर्स सोशलिस्ट पार्टी 

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