Saturday, 22 August 2015

२ सितम्बर की औद्योगिक हड़ताल के लिए अपील

वर्कर्स सोशलिस्ट पार्टी का आह्वान
२ सितम्बर की औद्योगिक हड़ताल को
अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल दो!
  
साथियो,

हर साल की ही तरह इस साल भी बारह केंद्रीय ट्रेड-यूनियनों के राष्ट्रीय समन्वय ने १२ मांगों के चार्टर के समर्थन में एक दिन की औपचारिक हड़ताल का फैसला किया है.

यह हड़ताल मालिकों और सरकार को बाकायदा चेतावनी और नोटिस देकर की जा रही है ताकि वे नुकसान को कम से कम करने और स्थिति से निपटने के लिए बंदोबस्त कर हड़ताल को बेदम बना सकें.

ऐसी रस्मी खानापूर्ति करने वाली हड़तालें कभी किसी काम की नहीं रहीं और न रहेंगी. ये किसी भी तरह पूंजी की व्यवस्था को कोई चुनौती नहीं देतीं, बल्कि मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनता के बीच पनप रहे गुस्से को निकालने वाले व्यवस्था के ‘सेफ्टी वाल्व’ का काम करती हैं. इसका इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि सत्ताधारी कॉर्पोरेट पार्टी-भाजपा से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ तक इस हड़ताल का समर्थन कर रहा है.

मोदी के नेतृत्व वाली कॉर्पोरेट भाजपा सरकार ने कांग्रेस द्वारा शुरू की गई निवेशक-परस्त नव-उदारवादी आर्थिक नीतियों को आगे बढाया है. कल तक स्तालिनवादी वाम मोर्चे की पार्टियां इन जनविरोधी नीतियों का न सिर्फ समर्थन करती रहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, केरल, त्रिपुरा जैसे राज्यों में, जहां, सरकारें उनके हाथ में थीं, स्तालिनवादी वाम मोर्चे ने इन्ही मजदूर-विरोधी आर्थिक नीतियों को लागू किया.

इन नीतियों का परिणाम मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनता की बदहाली, अनियंत्रित महंगाई, कृषि के घोर संकट और हज़ारों गरीब किसानों की आत्महत्याओं के रूप में सामने आया है, जिसके विरुद्ध देश भर में आक्रोश का ज्वालामुखी धधक रहा है. इस लावे को ‘नियंत्रित विरोध’ में सुरक्षित बाहर निकालने के लिए, झूठे नेता एक दिन की हड़ताल के लिए तैयार हुए हैं. कांग्रेस, भाजपा और स्तालिनवादी वाम से जुड़े ये नेता पूंजीवाद और पूंजी की सत्ता को चुनौती देने के बजाय, उससे मजबूती से चिपके रहे हैं और मजदूर वर्ग को धोखा देते रहे हैं.

एक दिन की रस्मी हड़ताल कोई प्रभाव नहीं डाल सकती. यह झूठा विरोध सिर्फ मेहनतकश जनता के बीच पनपते रोष को कुछ ठंडा करने का ही काम कर सकता है. पूंजी की सत्ता को कारगर चुनौती देने के लिए, इस हड़ताल को अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदलना होगा. इसके लिए मजदूरों और युवाओं को अपने झूठे नेताओं को अनसुना करते हुए २ सितम्बर की हड़ताल को ख़त्म करने से इनकार करना होगा, उसे अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदलते हुए, व्यापक क्रान्तिकारी संघर्ष का आधार बनाना होगा. इस हड़ताल को तब तक जारी रखना होगा जब तक कामगारों और मेहनतकश जनता की मांगें पूरी नहीं हो जातीं.

वर्कर्स सोशलिस्ट पार्टी, क्रान्तिकारी मजदूरों और युवाओं का आह्वान करती है कि वे २ सितम्बर की इस हड़ताल को अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदलने और इसके आधार पर कॉर्पोरेट और निवेशक-परस्त सरकार को सीधी चुनौती देने के लिए उठ खड़े हों. मजदूर और मेहनतकश जनता के व्यापकतम हिस्सों को इस हड़ताल में खींचें और पूंजीपतियों की दलाल भगवा फासिस्ट सरकार के विरुद्ध क्रान्तिकारी संघर्ष का बिगुल बजा दें.


वर्कर्स सोशलिस्ट पार्टी
वेबसाइट: workersocialist.blogspot.com;  ई मेल: worker.socialist.party@gmail.com 

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